जीएसटी क्या है , जीएसटी प्रभाव ,हिंदी में जीएसटी क्या है, हिंदी में जीएसटी प्रभाव What is GST in hindi , GST effect in hindi


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जीएसटी क्या है ,  जीएसटी प्रभाव ,हिंदी में जीएसटी क्या है, हिंदी में जीएसटी प्रभाव
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संसद के सेंट्रल हॉल में शुक्रवार को आधी रात को प्रेजिडेंट प्रणब मुखर्जी और पीएम मोदी ने बटन दबाकर जीएसटी को लॉन्च किया। हालांकि अब भी बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिन्हें इसके प्रावधानों को लेकर अब भी कुछ भ्रम हैं। जानें, यहां जीएसटी से जुड़े आपको सभी सवालों के जवाब में विस्तार में दिए गए हैं। जानें, जीएसटी की पूरी एबीसीडी...

पहले, जानें क्या हुआ महंगा और क्या सस्ता
ये चीजें महंगी
- बैंकिंग और टेलिकॉम जैसी सेवाएं महंगी हो जाएंगी। इसके अलावा फ्लैट्स, रेडिमेट गारमेंट्स, मंथली मोबाइल बिल और ट्यूशन फीस पर भी टैक्स बढ़ जाएगा।
1 जुलाई से जब आप एसी रेस्तरां में जाएं तो 18 पर्सेंट टैक्स के लिए तैयार रहें। हां, यदि आप गैर-एसी रेस्तरां में जाते हैं तो 6 पर्सेंट की बचत करते हुए सिर्फ 12 पर्सेंट ही चुकाना होगा।


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केन्द्र सरकार जीएसटी 







मोबाइल बिल, ट्यूशन फीस और सलून पर भी आपको 18 पर्सेंट टैक्स देना होगा। अब तक इन पर 15 फीसदी टैक्स ही रहा है।

- 1,000 रुपये से अधिक की कीमत के कपड़ों की खरीद पर भी अब आपको 12 पर्सेंट टैक्स देना होगा। अब तक इस पर 6 फीसदी स्टेट वैट ही लगता था। ध्यान दें कि 1,000 से कम के परिधानों पर 5 पर्सेंट की दर से ही टैक्स लगेगा। 

जीएसटी की व्यवस्था में दुकान या फ्लैट खरीदने पर 12 फीसदी टैक्स देना होगा। फिलहाल यह करीब 6 पर्सेंट है। 

GST से ये चीजें सस्ती
-81 पर्सेंट आइटम्स 18 फीसदी से कम के स्लैब में होंगे। खासतौर पर वेइंग मशीनरी, स्टैटिक कन्वर्टर्स, इलेक्ट्रिक ट्रांसफॉर्मर्स, वाइंडिंग वायर्स, ट्रांसफॉर्मस इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स और डिफेंस, पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्सेज द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले टू-वे रेडियो सस्ते हो जाएंगे।
-पोस्टेज और रेवेन्यू स्टांप्स भी सस्ते हो जाएंगे। इन पर 5 पर्सेंट ही टैक्स लगेगा। 
-कटलरी, केचअप, सॉसेज और अचार आदि भी सस्ते होंगे। इन्हें 12 पर्सेंट के स्लैब में रखा जाएगा। 
-सॉल्ट, चिल्ड्रंस पिक्चर, ड्रॉइंग और कलर बुक्स को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। प्लेइंग कार्ड्स, चेस बोर्ड, कैरम बोर्ड और अन्य बोर्ड गेम्स को घटाकर 12 पर्सेंट के स्लैब में रखा गया है। 

जानें, किन वस्तुओं पर लगेगा कितना टैक्स
इन आइटम्स पर नहीं लगेगा कोई टैक्स*फ्रेश मीट, 
*फिश चिकन, 
*अंडा, दूध,
* बटर मिल्क,
* दही, शहद, 
*फल एवं सब्जियां,
* आटा, बेसन,
* ब्रेड, प्रसाद, 
*नमक, 
*बिंदी, 
*सिंदूर, 
*स्टांप. न्यायिक दस्तावेज, 
*प्रिंटेड बुक्स, 
*अखबार, 
*चूड़िया और हैंडलूम जैसे तमाम रोजमर्रा की जरूरतों के आइटम्स को जीएसटी के दायरे से ही बाहर रखा गया है। 

                                       5% percent Tax

इन पर लगेगा 5 पर्सेंट का टैक्स in hindi

फिश फिलेट, क्रीम, स्किम्ड मिल्ड पाउडर, ब्रैंडेड पनीर, फ्रोजन सब्जियां, कॉफी, चाय, मसाले, पिज्जा ब्रेड, रस, साबूदाना, केरोसिन, कोयला, दवाएं, स्टेंट और लाइफबोट्स जैसे आइटम्स को टैक्स की सबसे निचली 5 पर्सेंट की दर में रखा गया है।


                                                  12% tax 



ऐसी जरूरी चीजों पर 12 पर्सेंट टैक्स
फ्रोजन मीट प्रॉडक्ट्स, बटर, पैकेज्ड ड्राई फ्रूट्स, ऐनिमल फैट, सॉस, फ्रूट जूस, भुजिया, नमकीन, आयुर्वेदिक दवाएं, टूथ पाउडर, अगरबत्ती, कलर बुक्स, पिक्चर बुक्स, छाता, सिलाई मशीन और सेल फोन जैसी जरूरी आइटम्स को 12 पर्सेंट के स्लैब में रखा गया है। 

                                          18% tax in hindi



मिडिल क्लास की इन चीजों पर 18 पर्सेंट टैक्स

फ्लेवर्ड रिफाइंड शुगर, पास्ता, कॉर्नफ्लेक्स, पेस्ट्रीज और केक, प्रिजर्व्ड वेजिटेबल्स, जैम, सॉस, सूप, आइसक्रीम, इंस्टैंट फूड मिक्सेज, मिनरल वॉटर, टिशू, लिफाफे, नोट बुक्स, स्टील प्रॉडक्ट्स, प्रिंटेड सर्किट्स, कैमरा, स्पीकर और मॉनिटर्स पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला लिया गया है।
                                         28% tax in hindi

चुइंग गम, गुड़, कोकोआ रहित चॉकलेट, पान मसाला, वातित जल, पेंट, डीओडरन्ट, शेविंग क्रीम, हेयर शैम्पू, डाइ, सनस्क्रीन, वॉलपेपर, सेरेमिक टाइल्स, वॉटर हीटर, डिशवॉशर, सिलाई मशीन, वॉशिंग मशीन, एटीएम, वेंडिंग मशीन, वैक्यूम क्लीनर, शेवर्स, हेयर क्लिपर्स, ऑटोमोबाइल्स, मोटरसाइकल, निजी इस्तेमाल के लिए एयरक्राफ्ट और नौकाविहार को लग्जरी मानते हुए जीएसटी काउंसिल ने 28 फीसदी का टैक्स लगाने का फैसला लिया है।



-20 लाख रुपये से कम के सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों को जीएसटी की व्यवस्था से छूट दी गई है। अब तक यह छूट 10 लाख तक ही सीमित थी।
-75 लाख रुपये से अधिक के सालाना टर्नओवर वाले ट्रेडर्स, मैन्युफैक्चरर्स और रेस्तरां कंपोजिशन स्कीम के तहत क्रमश: 1, 2 और 5 पर्सेंट अदा कर सकते हैं। हालांकि इन बिजनस को इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिल सकेगा।
-अन्य कारोबारियों को हर महीने तीन रिटर्न भरने होंगे। इनमें से दो ऑटोमेटिक होंगे।
-1 जुलाई के बाद आने वाले किसी भी माल पर जीएसटी लगेगा। हालांकि 30 जून से पहले आने वाले स्टॉक की बिक्री पर कारोबारियों को कॉम्पेन्सेशन भी मिलेगा।

कब तक होगा रजिस्ट्रेशन:

 25 जून से 30 जून तक जीएसटी रजिस्ट्रेशन एक बार फिर से शुरू है। इस बार अनरजिस्टर्ड या नए कारोबारी भी अप्लाई कर सकेंगे। 

यहां करवाएं रजिस्ट्रेशन: 

देश भर में कारोबारियों के लिए कॉमन पोर्टल gst.gov.in है।

 आप जिस विभाग में रजिस्टर्ड हैं, उसके जरिए जीएसटीएन आईडी और पासवर्ड भेजा गया होगा। अनरजिस्टर्ड कारोबारियों के लिए 25 जून को पोर्टल ओपन होते ही एक खास लिंक दिया जाएगा, जहां से वे अपने लिए आईडी-पासवर्ड जेनरेट कर सकते हैं।

आईडी वेरिफिकेशन के बाद स्थायी ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर डालें। ओटीपी की मदद से आईडी पासवर्ड बदल लें। अनरजिस्टर्ड ट्रेडर्स को उनके मौजूदा डॉक्युमेंट्स के आधार पर आईडी जेनरेट करने का मौका मिलेगा।

कैसे करें रजिस्ट्रेशन:
 जीएसटी पोर्टल पर लॉग-इन करें। प्रविजनल आईडी-पासवर्ड एंटर करें।


क्या-क्या चाहिए: 

आईडी-पासवर्ड एंटर करते ही एनरॉलमेंट ऐप्लिकेशन पेज पर जाएंगे, जहां अलग-अलग 8 टैब पर क्लिक कर ये जानकारियां देंः बिजनेस डिटेल्स, प्रमोटर या पार्टनर, अथॉराइज्ड सिग्नेटरी, कारोबार का मुख्य स्थान, कारोबार का अतिरिक्त स्थान, सामान और सेवाएं, बैंक अकाउंट। फिर डिजिटल सिग्नेचर का पेज खुलेगा, जिसे सबमिट करने के 15 मिनट के भीतर आपको ऐप्लिकेशन रेफरेंस नंबर (ARN)मिल जाएगा। 

यहां मिलेगी मदद:

 किसी भी तरह की परेशानी होने पर cbecmitra.helpdesk@gst.gov.in

 पर अपनी डिटेल्स भेज सकते हैं या हेल्पलाइन नंबर

 1800-1200-232 पर कॉल कर सकते हैं। 


अगर टर्नओवर 20 लाख रुपये के ऊपर है और आप वैट, एक्साइज या सर्विस टैक्स में रजिस्टर्ड हैं तो बिना प्रोविजिनल जीएसटी रजिस्ट्रेशन के जीएसटी लागू होते ही आप अनरजिस्टर्ड कैटेगरी में आ जाएंगे। नए रजिस्ट्रेशन के लिए 30 दिन का वक्त होगा। पिछले इनपुट क्रेडिट और रिफंड के लिए आपको रजिस्टर्ड होकर माइग्रेट करना चाहिए। 

रजिस्ट्रेशन खर्च:
अगर खुद कर रहे हैं तो मुफ्त में हो सकता है क्योंकि रजिस्ट्रेशन की कोई फीस नहीं है। सीए या आईटी सॉल्यूशन फर्म की मदद ले रहे हैं तो 1000 से 3000 रुपये तक खर्च आ सकता है। 




एनरॉलमेंट नंबर मिलने का मतलब है कि रजिस्ट्रेशन लगभग तय। डिपार्टमेंट सेल्स डिटेल्स सहित कुछ जानकारियां अपलोड करने को कह सकता है। इसके बाद एक प्रोविजिनल जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर जारी होगा जो जीएसटी लागू होने के बाद स्थायी टिन नंबर होगा।


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Ice-cream manufacturers


Ice cream manufacturers have to pay GST @ 18% (HSN – 21050000) despite major ingredients (i.e., milk, sugar, fruits, etc) used to manufacture ice cream being exempt from GST. 

The input tax credit that can be availed by them majorly relates to cost incurred on the packaging, advertising, maintenance expenses, cost incurred in acquiring or renting plant and machinery, and factory premises.

Ice cream manufacturers are not permitted to opt for a composition scheme and pay lower tax @ 1% even if their turnover is less than Rs 1.5 crores.

Note: They are treated at par with the manufacturers of pan masala and tobacco who are not allowed to opt for a composition scheme.



Ice-cream parlors

When ice cream is served at the ice cream parlors, it will attract GST @ 18% (HSN – 21050000).  As generally, they sell the already manufactured ice-creams and do not engage in any form of cooking at any stage hence will not fall under the criteria of a restaurant. Just by providing seating arrangements, it cannot be treated at par with restaurants.

Note: CBIC has clarified vide GST Circular no. 164 dated 6th October 2021 that even if the supply of ice creams at ice cream parlors has certain ingredients of service will not qualify as a restaurant.



Ice-cream served at restaurants

When ice cream is served at the restaurant, it will attract GST depending upon the GST applicability on the restaurant.


 As services of supplying goods in the form of food or any other article for human consumption will be classified under restaurant services. So if a restaurant supplies food, beverages, or ice cream it will be treated as restaurant service.


>> If the restaurant is registered under the composition scheme then GST will not be charged to the customer.
 
(Note: Restaurant will pay 5% GST without ITC)


>>If the restaurant is required to pay GST @ 5% then 5% GST will be charged to the customer. 

(Note: Restaurant will pay 5% GST without ITC)


>> If the restaurant is required to pay GST @ 18% then 18% GST will be charged to the customer.

 (Note: Restaurant will pay 18% GST with ITC)



Ice-cream served by outdoor caterers

When ice cream is served by outdoor caterers then 18% GST will be charged to the customer.

 (Note: Outdoor Caterer will pay 18% GST with ITC)

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