GST कैलकुलेटर Calculator in Hindi India

GST कैलकुलेटर

GST कैलकुलेटर

___________________________________________________________________________________Namaste! GST ke bare mein aksar puche jane wale sawalon ke javab is tarah se hain: 


Q. GST kya hai?
 Ans : GST ka matlab hai Goods and Services Tax, jo ek prakar ka kar hai jo mal aur sevaon par lagaya jata hai. Is kar se, pehle se jyada prakar ke kar ko ek sath lagaya jata hai. 

Image of GST कैलकुलेटर Calculator in Hindi India
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Q. GST ke antargat kin kin vastuon par kar lagta hai? Ans: GST ke antargat, mal aur seva dono par kar lagta hai. Ismein, pratiyogita ki drishti se, mal ke bhav aur seva ke bhav par hi kar lagaya jata hai. 


 Q. GST ke prakar kaun kaun se hain?
Ans: GST ke prakar teen hote hain - CGST (Central Goods and Services Tax), SGST (State Goods and Services Tax) aur IGST (Integrated Goods and Services Tax).


 Q. CGST aur SGST kya hai? 
Ans: CGST aur SGST do alag-alag kar hai, jo sarkar ke dwara mal aur seva par lagaya jata hai. CGST ka upyog central sarkar dwara lagaye jane wale kar ke liye kiya jata hai, jabki SGST ka upyog rajya sarkar dwara lagaye jane wale kar ke liye kiya jata hai.


Q. IGST kya hai? 
Ans: IGST ek prakar ka kar hai jo ek rajya se dusre rajya mein mal ya seva bhejne par lagaya jata hai. Yeh kar dono rajyo ke bich mein banta jata hai, jisse dono rajyo mein samanvyapta kar ke mal aur seva ke bheje jane ki prakriya aasan ho jati hai. 


Q. GST registration kaise karein?
 Ans: GST registration ke liye, GST portal par jakar online registration kar sakte hain. Iske liye, GSTIN (GST Identification Number) ki avashyakta hoti hai, jo aapke business ya karobar se sambandhit hota hai.


Q. GSTIN kya hai? 
Ans: GSTIN (GST Identification Number) ek 15 anko ka sankhyikiya pahchan pranali hai, jo GST registration ke liye upyog ki jati hai.


Q. GST return kaise bharein? 
Ans: GST return online bhara jata hai. Iske liye, GST portal par jakar login karna hota hai, phir return bharna hota hai.


 Q.GST ke antargat tax invoice kaise banayein? 
Ans: GST ke antargat tax invoice ko aap apne business ke liye banakar, GST portal par submit kar sakte hain. Iske liye, aapko GSTIN ki avashyakta hogi. Ummid hai ki ye 



FAQ aapke GST ke bare mein sawalon ke javab dene mein sahayak honge. 

 नमस्ते! GST (वस्तु एवं सेवा कर) के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब इस प्रकार हैं:


Q. GST क्या है? 

Ans: GST का मतलब होता है Goods and Services Tax, जो कि एक तरह का कर होता है जो माल एवं सेवाओं पर लगाया जाता है। इस कर से पहले से ज्यादा प्रकार के करों को एक साथ लगाया जाता है। 



Q. GST के अंतर्गत किन-किन वस्तुओं पर कर लगता है? 

Ans: GST के अंतर्गत माल और सेवा दोनों पर कर लगता है। इसमें प्रतियोगिता की दृष्टि से, माल के भाव और सेवा के भाव पर ही कर लगाया जाता है। 



Q. GST के प्रकार कौन-कौन से हैं?

Ans: GST के प्रकार तीन होते हैं - सीजीएसटी (सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स), एसजीएसटी (स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) और आईजीएसटी (इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स)। 



Q. सीजीएसटी और एसजीएसटी क्या हैं? 

सीजीएसटी और एसजीएसटी दो अलग-अलग कर हैं, जो सरकार द्वारा माल और सेवा पर लगाए जाते हैं। सीजीएसटी का उपयोग सेंट्रल सरकार द्वारा किया जाता है जबकि एसजीएसटी राज्य सरकार द्वारा लगाया जाता है। 


 Q. आईजीएसटी क्या है? 

आईजीएसटी (इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) एक प्रकार का कर है जो सीधे कुछ विशेष प्रदेशों को दिया जाता है। यह उन राज्यों के लिए है जो सीमाओं पर स्थित हैं और जहां एक से अधिक राज्यों से सामान के प्रवाह का बहुत अधिक मात्रा में होता है। 



 Q. GST के लाभ क्या हैं? 

GST के कुछ लाभ हैं जैसे कि अलग-अलग करों के स्थान पर एक समान कर हो जाने से प्रदेशों के बीच व्यापार में सुधार होगा। इससे कारोबार करने में आसानी होगी और वस्तुओं की कीमतें भी कम होंगी।


 Q. GST के लागू होने से पहले कौन-कौन से कर होते थे? 

GST के लागू होने से पहले, भारत में कुछ प्रमुख कर होते थे जैसे कि सेंट्रल एक्साइज टैक्स, सेवा कर, केंद्रीय विक्रेता कर और वाणिज्यिक वाहन कर। 



Q. GST के अंतर्गत कितने प्रकार के टैक्स होते हैं? 

GST के अंतर्गत दो प्रकार के टैक्स होते हैं - सीजीएसटी और आईजीएसटी। सीजीएसटी राज्य सरकार द्वारा लगाया जाता है जबकि आईजीएसटी केंद्र सरकार द्वारा लगाया जाता है। 



Q.  GST के लागू होने से किस सेक्टर पर क्या असर पड़ा है?

 Ans: GST के लागू होने से अर्थव्यवस्था पर कुछ असर पड़ा है। कुछ उद्योगों के लिए टैक्स दर बढ़ी है जबकि कुछ उद्योगों के लिए टैक्स दर कम हो गई है। हालांकि, इससे देश में व्यापार की स्थिति में सुधार हुआ है।



Q. GST क्या वस्तुओं पर भी लगता है? 

Ans: हां, GST वस्तुओं पर भी लगता है। गुड्स के लिए सीजीएसटी और सेवाओं के लिए आईजीएसटी होता है। यह वस्तुओं की बिक्री पर भी लगता है जो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से होती है।


 Q.GST के अंतर्गत कौन-कौन से उत्पादों पर कम टैक्स लगता है? 

Ans: GST के अंतर्गत बहुत सारे उत्पादों पर कम टैक्स लगता है जैसे कि सब्जियां, फल, अनाज, मशरूम, टमाटर सॉस, मूली का पिकल, आटा, मक्के का आटा आदि। GST लागू होने से क्या GST लागू होने से बहुत से वस्तुओं के लिए टैक्स दर में कमी आई है। इससे ग्राहकों को भी फायदा हुआ है क्योंकि उन्हें कुछ वस्तुओं के लिए कम टैक्स दर में खरीदारी करने का मौका मिला है। इससे देश में व्यापार को अधिक संगठित बनाने में भी मदद मिली है। 


Q. GST के अंतर्गत क्या सेवाओं पर टैक्स लगता है? 

हां, GST के अंतर्गत सेवाओं पर भी टैक्स लगता है। जैसे कि होटल सेवा, टूर एजेंट सेवा, बैंकिंग सेवा, वित्तीय सेवा, टेलीकॉम सेवा, कंसल्टेंसी सेवा, ब्रोकरेज सेवा, विज्ञापन सेवा आदि। 


Q. GST का लाभ किसे होता है? 

GST का लाभ सभी लोगों को होता है। उद्योग, व्यापारी, विनिर्माण कंपनियां, सेवा प्रदाता, ग्राहक सभी को GST से लाभ होता है। GST के आने से व्यापार और विनिर्माण सेक्टर में एक सामान्य टैक्स दर हुई है जो सभी वस्तुओं और सेवाओं के लिए लागू होता है। इससे व्यवसायों को उनकी सभी वस्तुओं और सेवाओं के लिए एक ही टैक्स दर देने की ज़रू ूरत मिली है जो कि उनके व्यवसाय को संगठित बनाता है।

 इससे ग्राहकों को भी फायदा हुआ है क्योंकि उन्हें कुछ वस्तुओं के लिए कम टैक्स दर में खरीदारी करने का मौका मिला है। GST का स्कोप क्या है? GST का स्कोप बहुत विस्तृत है और इसमें सभी आर्थिक गतिविधियों को शामिल किया गया है।

 GST का स्कोप निम्नलिखित विषयों पर लगाया जाता है: उत्पादों और सेवाओं पर कर आय के स्रोत और व्यय स्टॉक वसूली केंद्र और राज्य सरकारों के बीच के भेदभाव को कम करने के लिए केंद्रीकृत कर नई व्यवस्था के तहत निर्यात उत्पादों को टैक्स से मुक्त करना GST के लाभ क्या हैं? GST के लाभ निम्नलिखित हैं: एक मंच - GST देश में एक मंच बनाता है जिसमें वस्तुओं और सेवाओं के लिए एक ही टैक्स दर लागू होती है। कम कर - उद्योगों को बार-बार कई टैक्स फाइल करने की ज़रूरत नहीं होती है। 


अंतिम उपभोक्ता - GST सिस्टम उत्पाद के उत्पादक से लेकर उपभोक्ता तक के बीच संचार करने में मदद करता है, इसलिए उपभोक्ताओं को उत्पादों और सेवाओं की कीमत में कमी मिलती है।

 अंतर-राज्य वाणिज्य - GST ने अंतर-राज्य वाणिज्य में एकीकृत व्यवस्था लागू की है जो व्यापक बाजार और वस्तुओं तक पहुंच को सुगम बनाता है। 


कम ब्यौरा - GST के माध्यम से टैक्स ब्यौरा कम होता है जो कि कंपनियों के लिए सबसे बड़ा फायदा है। दिशा निर्देश - GST के आने से लोग अपने व्यवसाय को संगठित बनाने की दिशा में चलने लगे हैं जो कि उन्हें अपने व्यवसाय में अधिक उत्पादकता और कम टैक्स के साथ अधिक लाभ कमाने में मदद करता है। 


Q. GST के अंतर्गत शुल्क क्या होते हैं? 

GST के अंतर्गत निम्नलिखित शुल्क होते हैं: सीजीएसटी (सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स) - केंद्र सरकार द्वारा लागू किए जाने वाले शुल्क हैं जो आय के स्रोत, उत्पादों और सेवाओं पर लागू होते हैं। सीएजीएसटी (स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स) - राज्य सरकार द्वारा उन्हें अलग-अलग शुल्कों पर टैक्स देने की जगह, एक एकीकृत शुल्क लागू होता है।


 उत्पादों और सेवाओं के मूल्य में कमी हुई है जो वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में अधिक उतार-चढ़ाव से बचाता है। अंतर-राज्य वाणिज्य में एकीकृत व्यवस्था लागू होती है जो व्यापक बाजार और वस्तुओं तक पहुंच को सुगम बनाता है। टैक्स के बिना वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य में बदलाव के कारण लोगों को व्यवसाय चलाने के लिए अधिक प्रेरित किया जा सकता है। 


Q. GST के लागू होने से पहले टैक्स कैसे लागू होते थे? 

GST के लागू होने से पहले, टैक्स दो भागों में विभाजित थे - केंद्र शासित प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर (सीएसटी) और राज्य वस्तु एवं सेवा कर (वीएसटी)। इन दोनों करों को वस्तुओं और सेवाओं पर अलग-अलग दरों पर लागू किया जाता था। 


Q. GST क्या हैं और इसे कैसे आवेदन किया जाता है? 

GST एक एकीकृत शुल्क है जो उत्पादों और सेवाओं के राज्य में लागू होता है। GST का आवेदन भारत के विभिन्न राज्यों के व्यापारियों द्वारा किया जाता है। आवेदन करने के लिए व्यापारियों को GST पंजीकरण पोर्टल पर जाना होगा। 

वहां वे अपनी व्यवसाय की जानकारी दर्ज कर सकते हैं और उन्हें एक GST नंबर प्राप्त होगा। GST नंबर उन्हें टैक्स की भुगतान करने और अन्य कर संबंधी फार्मालिटीज के लिए उपयोगी होगा। 


Q. GST के लाभ क्या हैं?

 GST के कुछ मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं: अलग-अलग शुल्कों पर टैक्स देने से बचाया जाता है जो वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य में कमी लाता है। एक एकीकृत शुल्क लागू होने से व्यापारियों को अलग-अलग राज्यों में वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स की भुगतान करने की जरूरत नहीं होती है। 


GST के लागू होने से अंतर-राज्य वाणिज्य में एकीकृत व्यवस्था लागू होती है जो व्यापक बाजार और वस्तुओं तक पहुंच को सुगम बनाता है।

 GST के लागू होने से लोगों को व्यवसाय चलाने के लिए अध िक संपत्ति की आवश्यकता कम होती है क्योंकि यह सभी शुल्कों को एकत्रित करता है और इसलिए अधिक टैक्स फाइल करने की जरूरत नहीं होती है।

 GST सिस्टम को ऑनलाइन बनाया गया है जो कि कंप्यूटरीकृत होता है, जिससे कि समय और खर्च कम होते हैं।

 GST सिस्टम में निरीक्षकों द्वारा निगरानी और जाँच की प्रक्रिया सुविधाजनक बनाई गयी है, जो लोगों को न्यायपूर्ण और विश्वसनीय सेवा के लिए आश्वस्त करता है। 

GST के नियम क्या हैं? GST के कुछ मुख्य नियम निम्नलिखित हैं: GST के लिए पंजीकरण अनिवार्य है जब आपका व्यवसाय रु. 20 लाख या उससे अधिक का होता है। 

GST की शुल्क दरें श्रम शुल्क, आबकारी, केंद्र और राज्य शुल्क आदि समेत सभी शुल्कों को शामिल करती हैं। GST नंबर सभी व्यवसायों के लिए आवश्यक है जो बिक्री या सेवा की पेशकश करते हैं।


 GST का विवरण राज्य और केंद्र सरकार के लिए आवश्यक है जो उन्हें आय के स्रोत के बारे में सूचित करता है। GST नियमों के अनुसार, आपको GST नंबर की आवश्यकता होगी यदि आप ई-कॉमर्स वेबसाइट पर अपने उत्पादों को बेचते हैं। 


 आपको GST के लिए शुल्क भुगतान करना होगा यदि आप अपने राज्य से अलग राज्य में उत्पादों को भेजते हैं। GST नियमों के अनुसार, आपको अपने व्यवसाय की मासिक रिटर्न फाइल करनी होगी। GST नियमों के तहत, आपको अपने व्यवसाय की निगरानी के लिए निरीक्षकों के लिए सुलभ बनाने के लिए आवश्यक दस्तावेजों को संग्रहित रखना होगा। 


GST के नियम आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, आपको समय-समय पर अपने बिक्री रिकॉर्ड्स, शुल्क रिकॉर्ड्स और खरीद रिकॉर्ड्स के लिए संग्रहित बिक्री रिकॉर्ड्स को संग्रहित रखना होगा। 


Q. जीएसटी में कितने प्रकार के कर होते हैं? 

GST में निम्नलिखित प्रकार के कर होते हैं: सीजीएसटी (CGST): इसका उपयोग केंद्र सरकार के शुल्क आदान-प्रदान के लिए होता है। स्टेट जीएसटी (SGST): इसका उपयोग राज्य सरकार के शुल ्क आदान-प्रदान के लिए होता है। 


 इंटीग्रेटेड जीएसटी (IGST): इसका उपयोग एक राज्य से दूसरे राज्य में उत्पादों और सेवाओं के बीच शुल्क आदान-प्रदान के लिए होता है।

 यूनियन टैक्स (UTGST): यह उन सीमांत क्षेत्रों के लिए है जो भारत सरकार द्वारा प्रबंधित होते हैं, जैसे कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दमन और दीव, लक्षद्वीप आदि। 


जीएसटी का लाभ कैसे उठाया जाए? GST के कुछ महत्वपूर्ण लाभ निम्नलिखित हैं: अधिकतम कर संरचना में सुधार: GST ने अनेक अतिरिक्त करों को समाप्त कर दिया और अधिकतम कर संरचना को सरल बनाया है।


 व्यापारियों को प्रौद्योगिकी के माध्यम से आसानी से काम करने की सुविधा: GST ने व्यापारियों के लिए ऑनलाइन अनुपालन प्रणाली को लागू करने के लिए सहायता प्रदान की है, जिससे वे अपने काम को आसानी से कर सकते हैं। सरकार द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच संसाधित शुल्क के समान वितरण: GST ने संसाधित श ल्क को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच समान रूप से वितरित करने में सहायता प्रदान की है। समान कर दरों के लागू होने से अवैध व्यापार को कम करने में सहायता: GST में समान कर दरें होती हैं जो अवैध व्यापार को कम करने में सहायता प्रदान करती हैं। बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए उत्पादकों और व्यापारियों के लिए फायदेमंद: GST के माध्यम से, व्यापारियों को अधिक विकासशील विकल्प मिलते हैं और अधिक अंतर्राष्ट्रीय व्यापार करने की संभावनाएं होती हैं। इससे उत्पादकों और व्यापारियों के लिए अधिक फायदेमंद व्यापार विकल्प मिलते हैं जो उन्हें आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने में सहायता प्रदान करते हैं। ये थे कुछ महत्वपूर्ण GST से संबंधित प्रश्न और उनके जवाब हिंदी में। GST के संबंध में कोई भी व्यक्ति या व्यापारी इन प्रश्नों के उत्तर से अपनी समस्याओं का समाधान निकाल सकता है।


 और न्यायालयों से बचाती है। इसके अलावा, GST के लागू होने से भारत में वित्तीय वर्ष 2017-18 से अधिकतम चार प्रतिशत का वित्तीय विकास दर प्राप्त हुआ है। GST पोर्टल के माध्यम से, व्यापारियों को उनके GST रजिस्ट्रेशन, रिटर्न फाइल करने, भुगतान करने और कर्मचारी की उत्तरदायित्व संबंधी जानकारी जैसी अनेक सेवाएं उपलब्ध हैं। GST के लागू होने के बाद, व्यापारियों को निम्नलिखित कार्यों को करने की आवश्यकता होती है: GST रजिस्ट्रेशन कराना। GST नंबर प्राप्त करना। गैर-माल खरीद पर बैकवार्ड अधिकार का भुगतान करना। गैर-माल बेचने पर GST का कलेक्शन करना। मासिक रिटर्न फाइल करना।


 GST लागू होने के बाद, सभी व्यापारियों को GST रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो गया है। इसके लिए, व्यापारियों को GST पोर्टल पर जाकर अपने व्यवसाय के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होता है। रजिस्ट्रेशन के दौरान, व्यापारियों को अपने पंजीकरण दस्तावेजों जैसे उद ्न फाइल करनी होगी। यह रिटर्न उन व्यापारियों के लिए भी लागू होता है जो केवल GST पंजीकृत और उत्पादक नहीं हैं। व्यापारियों को अपनी गतिविधियों के अनुसार निर्धारित समय में GST रिटर्न फाइल करनी होती है। अगर कोई व्यापारी GST नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे नुकसान हो सकता है। 


नुकसान शामिल कर सकते हैं, लेकिन इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं: जुर्माने का भुगतान GST लेनदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई लाइसेंस रद्द करना बैंक अकाउंट बंद करना अन्य विधिक कार्रवाई इसलिए, व्यापारियों को


 GST नियमों का पालन करना चाहिए। अगर आपके पास GST से संबंधित कोई अतिरिक्त प्रश्न हैं, तो आप GST पोर्टल पर जाकर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आप GST सलाहकार से भी संपर्क कर सकते हैं जो आपको GST के बारे में और अधिक जानकारी दे सकते हैं।


जीएसटी क्या है? What is GST?
जीएसटी एक अप्रत्यक्ष कर है जिसने भारत में कई अप्रत्यक्ष करों को बदल दिया है। गुड्स एंड सर्विस टैक्स अधिनियम 29 मार्च 2017 को संसद में पारित किया गया था। यह अधिनियम 1 जुलाई 2017 को प्रभावी हुआ; भारत में माल और सेवा कर कानून एक व्यापक, बहु-स्तरीय, गंतव्य-आधारित कर है जो प्रत्येक मूल्यवर्धन पर लगाया जाता है।

सरल शब्दों में, गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) एक अप्रत्यक्ष कर है जो वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है। इस कानून ने कई अप्रत्यक्ष कर कानूनों को बदल दिया है जो पहले भारत में मौजूद थे।

सरकार द्वारा एकत्रित जीएसटी के 3 प्रकार क्या हैं?
वर्तमान में तीन प्रकार के जीएसटी हैं

सीजीएसटी – सेंट्रल जीएसटी – राज्य के भीतर बिक्री पर लागू होता है – केंद्र सरकार को जाता है
एसजीएसटी – स्टेट जीएसटी – राज्य के भीतर बिक्री पर लागू होता है – राज्य सरकार को जाता है
IGST – इंटीग्रेटेड GST – राज्य के बाहर बिक्री पर लागू होता है – केंद्र सरकार को जाता है
उदाहरण के लिए, यदि आप राज्य के भीतर कुछ बेचते हैं, तो GST का 50% CGST होगा और GST का 50% SGST होगा। लेकिन जब आप किसी राज्य के बाहर कुछ बेचते हैं तो उसका 100% IGST होगा जो केंद्र सरकार के पास जाएगा।

जीएसटी कैलक्यूलेटर के लाभ (Benefits of GST Calculator)
GST कैलकुलेटर विभिन्न टैक्स स्लैब – CGST, SGST और IGST के बीच विभाजित करने में मदद करता है। जीएसटी कैलकुलेटर की मदद से आपको यह पता चलेगा कि आपका लेन-देन किस टैक्स स्लैब में आएगा और बेचे/खरीदे जा रहे सामान/सेवाओं पर कितना टैक्स लगेगा। यह समय की बचत भी करता है और वस्तुओं और सेवाओं की कुल लागत की गणना करते समय मानवीय त्रुटि की संभावना को कम करता है।

जीएसटी कैलकुलेटर क्या है? (What is GST Calculator?)
जीएसटी युग में कुछ वर्षों में, अधिकांश व्यवसाय उन मूलभूत सूचनाओं से परिचित हो गए हैं, जहां तक उनके सामान और सेवाओं का संबंध है, उन्हें शीर्ष पर रहने की आवश्यकता है। जानकारी और कुछ नहीं – जीएसटी दरें, एचएसएन कोड, एसएसी कोड इत्यादि हैं जो उन्हें जीएसटी की तेजी से गणना करने में मदद करेंगे, जीएसटी अनुपालन चालान तेजी से तैयार करेंगे और इसलिए तेजी से कारोबार करेंगे।

हालाँकि, ऐसे कई परिदृश्य हैं, जिनमें एक व्यवसायी को जीएसटी को छोड़कर, या जीएसटी सहित राशि के साथ सामना करना पड़ सकता है। तेजी से भागती कारोबारी दुनिया में, excluding GST और including GST दोनों कीमतों को निर्धारित करने के लिए सबसे तेज तरीका जानने की जरूरत है, जिससे त्वरित बिक्री और खरीद निर्णय लिया जा सके। अधिकांश देशों ने इन परिस्थितियों में जीएसटी कैलकुलेटर को उपयोगी पाया है, भारत भी इससे अलग नहीं होगा। वास्तव में सूत्र के सही ज्ञान के साथ, कोई भी एक्सेल में जीएसटी कर कैलकुलेटर बना सकता है और इसे संभाल कर रख सकता है। हालांकि, जीएसटी कैलकुलेटर को बनाए रखने और उपयोग करने में सक्षम होने के लिए पहला कदम जीएसटी दरों से परिचित होना है।
GST कैलकुलेटर

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